पीलिया, जिसे जॉन्डिस (Jaundice) भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा, आंखों का सफेद हिस्सा और श्लेष्मा झिल्ली (mucous membranes) पीले पड़ जाते हैं। यह आमतौर पर शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ के बढ़ने की वजह से होता है। पीलिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का लक्षण है, जैसे लीवर की बीमारी, पित्त की नली में रुकावट, या खून की कमी (एनीमिया)। जब बात पीलिया के इलाज की आती है, तो लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि क्या ज्यादा पानी पीने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है? आइए, इस सवाल का जवाब विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि पानी पीना पीलिया में कैसे मदद करता है, क्या हैं इसके फायदे, और क्या सीमाएं हैं। यह लेख आसान और मानवीय भाषा में लिखा गया है, ताकि आपको सारी बातें समझने में आसानी हो।
पीलिया क्या है और यह क्यों होता है?

पीलिया को समझने के लिए पहले बिलीरुबिन को समझना जरूरी है। बिलीरुबिन एक पीला रंग का पदार्थ है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के टूटने पर बनता है। आमतौर पर, हमारा लीवर इस बिलीरुबिन को प्रोसेस करके पित्त (bile) के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है। लेकिन जब लीवर ठीक से काम नहीं करता, पित्त की नली में रुकावट होती है, या लाल रक्त कोशिकाएं बहुत तेजी से टूटती हैं, तो बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पीलिया होता है।
पीलिया के कुछ आम कारण हैं:
- हेपेटाइटिस: वायरल इंफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस A, B, या C से लीवर में सूजन आ सकती है, जिससे पीलिया होता है।
- पित्त की पथरी (Gallstones): पित्त की नली में रुकावट बिलीरुबिन को बाहर निकलने से रोकती है।
- लीवर सिरोसिस: लंबे समय तक लीवर खराब होने से उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है।
- हैमोलिटिक एनीमिया: जब लाल रक्त कोशिकाएं बहुत तेजी से टूटती हैं, तो बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
- नवजात शिशुओं में पीलिया: नवजात बच्चों में लीवर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे बिलीरुबिन जमा हो सकता है।
पीलिया के लक्षणों में त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, गहरे रंग का पेशाब, हल्के रंग का मल, थकान, और कभी-कभी पेट में दर्द शामिल हैं। अब सवाल यह है कि क्या पानी पीना इन लक्षणों को कम करने या पीलिया को ठीक करने में मदद कर सकता है?
पानी पीने का शरीर पर प्रभाव| क्या ज्यादा पानी पीने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है?
पानी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह शरीर के हर अंग को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। पानी के कुछ मुख्य फायदे हैं:
- हाइड्रेशन: पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है, जो सभी अंगों, खासकर लीवर और किडनी, के लिए जरूरी है।
- विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना: पानी किडनी के जरिए शरीर से टॉक्सिन्स और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- पाचन में मदद: पानी पाचन तंत्र को सुचारू रखता है और कब्ज से राहत देता है।
- रक्त प्रवाह: पर्याप्त पानी पीने से रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाता है।
लेकिन क्या ये फायदे पीलिया को ठीक करने में सीधे तौर पर मदद करते हैं? आइए, इसे गहराई से समझते हैं।
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ज्यादा पानी पीने से पीलिया में मदद कैसे मिलती है?
ज्यादा पानी पीना पीलिया को सीधे तौर पर ठीक तो नहीं करता, लेकिन यह शरीर को कई तरह से सपोर्ट करता है, जो पीलिया के इलाज और रिकवरी में मददगार हो सकता है। आइए, इसके फायदों को विस्तार से देखें:
- लीवर को सपोर्ट करता है
लीवर बिलीरुबिन को प्रोसेस करने का मुख्य अंग है। जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो लीवर को अपने कार्यों को करने में मदद मिलती है। हाइड्रेटेड रहने से लीवर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे वह टॉक्सिन्स और बिलीरुबिन को अधिक प्रभावी ढंग से प्रोसेस कर सकता है। खासकर वायरल हेपेटाइटिस जैसे मामलों में, जहां लीवर पर दबाव होता है, पानी पीना उसे सपोर्ट करता है। - किडनी के जरिए टॉक्सिन्स निकालना
पीलिया में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, और किडनी शरीर से अतिरिक्त अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। ज्यादा पानी पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ती है, जिससे टॉक्सिन्स और कुछ हद तक बिलीरुबिन शरीर से बाहर निकल सकता है। यह प्रक्रिया खासकर हल्के पीलिया के मामलों में फायदेमंद हो सकती है। - पाचन तंत्र को सुचारू रखता है
पीलिया में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज या भूख न लगना देखा जाता है। पानी पीने से पाचन तंत्र सुचारू रहता है, जिससे लीवर और पित्ताशय पर दबाव कम होता है। यह पीलिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। - थकान और कमजोरी को कम करता है
पीलिया के मरीज अक्सर थकान और कमजोरी महसूस करते हैं। डिहाइड्रेशन इस थकान को और बढ़ा सकता है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है, जिससे ऊर्जा का स्तर बेहतर रहता है और रिकवरी में मदद मिलती है। - इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
अगर पीलिया का कारण वायरल इंफेक्शन है, जैसे हेपेटाइटिस, तो इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है। पानी शरीर को हाइड्रेट रखकर इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है, जिससे शरीर इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम होता है।
क्या ज्यादा पानी पीना पीलिया को ठीक कर सकता है?
हालांकि पानी पीना पीलिया की रिकवरी में मददगार है, लेकिन यह अकेले पीलिया को ठीक नहीं कर सकता। पीलिया का इलाज उसकी जड़, यानी अंतर्निहित कारण, पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए:
- अगर पीलिया हेपेटाइटिस की वजह से है, तो एंटीवायरल दवाएं या रेस्ट की जरूरत हो सकती है।
- पित्त की नली में रुकावट के मामले में सर्जरी या अन्य मेडिकल प्रक्रियाएं जरूरी हो सकती हैं।
- नवजात शिशुओं में पीलिया के लिए फोटोथेरेपी (प्रकाश चिकित्सा) का इस्तेमाल किया जाता है।
पानी पीना इन इलाजों को सपोर्ट करता है, लेकिन यह उनका विकल्प नहीं है। ज्यादा पानी पीने से बिलीरुबिन का स्तर सीधे तौर पर कम नहीं होता, क्योंकि बिलीरुबिन मुख्य रूप से लीवर और पित्त के जरिए शरीर से बाहर निकलता है, न कि किडनी के जरिए।
ज्यादा पानी पीने की सीमाएं और सावधानियां
ज्यादा पानी पीना आमतौर पर सुरक्षित है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- अति न करें: बहुत ज्यादा पानी पीना (हाइपोनेट्रेमिया) शरीर में सोडियम के स्तर को कम कर सकता है, जिससे कमजोरी, सिरदर्द, या उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्य तौर पर, एक वयस्क को दिन में 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए, जब तक कि डॉक्टर कोई विशेष सलाह न दें।
- लीवर की स्थिति का ध्यान रखें: अगर पीलिया गंभीर लीवर की बीमारी, जैसे सिरोसिस, की वजह से है, तो ज्यादा पानी पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि ऐसी स्थिति में शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ सकता है।
- इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस: पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे नारियल पानी, ओआरएस, या हल्का नमक-चीनी का घोल लेना फायदेमंद हो सकता है, खासकर अगर पीलिया के साथ उल्टी या दस्त भी हो।
पीलिया में पानी के साथ क्या और करना चाहिए?
पानी पीना पीलिया की रिकवरी का एक हिस्सा है, लेकिन इसके साथ कुछ और उपाय भी जरूरी हैं:
- डॉक्टर की सलाह लें: पीलिया का सही कारण जानने के लिए ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, या अन्य जांच करवाएं। डॉक्टर के बताए इलाज का पालन करें।
- पौष्टिक आहार: पीलिया में हल्का और पौष्टिक आहार लें, जैसे उबली सब्जियां, दाल, चावल, और फल (पपीता, सेब)। तला-भुना, मसालेदार, और ज्यादा चिकनाई वाला खाना अवॉइड करें।
- एल्कोहल से बचें: एल्कोहल लीवर को और नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इसे पूरी तरह अवॉइड करें।
- पर्याप्त आराम: लीवर को ठीक होने के लिए रेस्ट की जरूरत होती है। ज्यादा शारीरिक मेहनत से बचें।
- हाइजीन का ध्यान: अगर पीलिया हेपेटाइटिस A या E की वजह से है, तो साफ पानी और खाना खाएं, क्योंकि ये वायरस दूषित खाने-पानी से फैलते हैं।
नवजात शिशुओं में पीलिया और पानी
नवजात शिशुओं में पीलिया बहुत आम है, खासकर जन्म के पहले हफ्ते में। कई लोग सोचते हैं कि बच्चों को ज्यादा पानी पिलाने से पीलिया ठीक हो सकता है, लेकिन यह सही नहीं है। नवजात शिशुओं को पानी पिलाने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि उनका पेट छोटा होता है और पानी देने से मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क की मात्रा कम हो सकती है। नवजात पीलिया के लिए फोटोथेरेपी और मां का दूध सबसे प्रभावी उपाय हैं। अगर आपके बच्चे को पीलिया है, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष
ज्यादा पानी पीना पीलिया को सीधे तौर पर ठीक तो नहीं करता, लेकिन यह शरीर को हाइड्रेट रखकर, लीवर और किडनी को सपोर्ट करके, और टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर रिकवरी में मदद करता है। हालांकि, पीलिया का इलाज उसकी जड़ के कारण पर निर्भर करता है, और इसके लिए डॉक्टर की सलाह और सही इलाज जरूरी है। पानी को एक सहायक उपाय के रूप में देखें, न कि मुख्य इलाज के रूप में। पीलिया के दौरान हल्का आहार, पर्याप्त आराम, और हाइजीन का ध्यान रखें। अगर आपको या आपके किसी करीबी को पीलिया के लक्षण दिखें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज और थोड़ी-सी सावधानी आपको जल्दी स्वस्थ कर सकती है।
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